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भारत का स्वतंत्रता दिवस

कई साल पहले हमने भाग्य के साथ साक्षात्कार किया और अब समय आ गया है कि अब हम अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करें। आधी रात के समय जब दुनिया सो रही होगी तब भारत अपने जीवन और स्वतंत्रता के लिए जागेगा।’ 15 अगस्त 1947 को यह भाषण जवाहरलाल नेहरु ने आज़ाद भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर देश और संविधान सभा को संबोधित करते हुए दिया था।  आज जब हम अपनी स्वतंत्रता के 70 साल मना रहे हैं तब हम उन सब लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने भारत को ब्रिटिश साम्राज्य के चंगुल से आजाद करने के लिए अपने जीवन की आहुति दी।  स्वतंत्रता संग्राम कई विद्रोहों और सशस्त्र विरोधों के रुप में स्वतंत्रता संग्रामों के कई चरण थे। ब्रिटिश शासन के पहले सौ साल में पूरे देश में कई विद्रोह हुए। इस पारंपरिक विरोध का अंत 1857 के विद्रोह के साथ हुआ जिसमें रियासत के शासकों, सैनिकों और किसानों ने भाग लिया। यह विद्रोह ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति इन लोगों के गुस्से और शिकायतों का नतीजा था। विफल होने के बावजूद इसने कई नायक पैदा किए और सभी भारतीयों में एकता पैदा की। मंगल पांडे को 1857 में हुए विद्रोह का महान नायक माना जाता है। इस...

भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र यानी भारत को 1947 में आजादी मिली थी। वह भारत के इतिहास का ऐसा दिन है, जिसे सदियों बाद भी भुलाया नहीं जा सकेगा। भारत ने कई सौ साल के ब्रिटिश शासन से आजादी पाई थी। सिर्फ अंग्रेजों ने ही नहीं बल्कि कई अन्य ने भी हमारे देश पर शासन किया। शुरुआत हुई आर्यों से, जो मध्य यूरोप से आए। फिर फारसी, ईरानी और पारसी, जो पलायन कर भारत आए थे। फिर आए मुगल जो यहां आकर यहीं के हो गए। कई मर्तबा, मंगोल शासकों ने भी भारत पर हमला किया और लूटकर चले गए। पुर्तगालियों और फ्रेंच ने भी हमारे यहां आकर अपने उपनिवेश बनाए। आखिरकार, ब्रिटिश आए और कई वर्षों तक देश पर राज किया। भारत को आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली। यह किसी भी देश के लिए आसान काम नहीं होता कि वह कई वर्षों से राज कर रहे शासक के चंगुल से निकल जाए। देश में स्वतंत्रता संग्राम कई दशक तक चला और आजादी हासिल करने में इस संघर्ष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भूमिका  भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देश की आजादी के लिए व्यापक भूमिका निभाई। 1857 की क्रांति को भारत की आजादी के पहले स्वतंत्र...

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

प्राचीन समय से ही विदेशी हमलावर हमेशा भारत आने को उत्सुक रहे हैं, फिर चाहे वो आर्य, फारसी, ईरानी, मुगल, चंगेज खान, मंगोलियाई या सिकंदर ही क्यों ना हों। अपनी समृद्धि और खुशहाली के कारण भारत हमेशा से आक्रमणकारियों और शासकों की रुचि का कारण रहा।  भारत की आजादी का इतिहास  1757 में पलासी के युद्ध के बाद ब्रिटिश भारत में राजनीतिक सत्ता जीत गए और यही वो समय था जब अंग्रेज भारत आए और करीब 200 साल तक राज किया। 1848 में लाॅर्ड डलहौजी के कार्यकाल के दौरान यहां उनका शासन स्थापित हुआ। उत्तर-पश्चिमी भारत अंग्रेजों के निशाने पर सबसे पहले रहा और 1856 तक उन्होंने अपना मजबूत अधिकार स्थापित कर लिया। 19वीं सदी में अंग्रेजों ने अपने शासन में सबसे उंचाई को छुआ।  नाराज़ और असंतुष्ट स्थानीय शासकों, किसानों और बेरोजगार सैनिकों ने विद्रोह कर दिया जिसे आमतौर पर ‘1857 का विद्रोह’ या ‘1857 के गदर’ के तौर पर जाना जाता है।  1857 का विद्रोह यह गदर मेरठ में बेरोजगार सैनिकों के विद्रोह से शुरु हुआ। उनकी बेरोजगारी का कारण वो नई कारतूस थी जो नई एनफील्ड राइफल में लगती थी। इन कारतूसों में गाय और सू...

भारत का इतिहास

भारतीय इतिहास भारत के इतिहास को अगर विश्व के इतिहास के महान अध्यायों में से एक कहा जाए तो इसे अतिश्योक्ति नहीं कहा जा सकता। इसका वर्णन करते हुए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने कहा था, ‘‘विरोधाभासों से भरा लेकिन मजबूत अदृश्य धागों से बंधा’’। भारतीय इतिहास की विशेषता है कि वो खुद को तलाशने की सतत् प्रक्रिया में लगा रहता है और लगातार बढ़ता रहता है, इसलिए इसे एक बार में समझने की कोशिश करने वालों को ये मायावी लगता है।  इस अद्भुत उपमहाद्वीप का इतिहास लगभग 75,000 साल पुराना है और इसका प्रमाण होमो सेपियंस की मानव गतिविधि से मिलता है। यह आश्चर्य की बात है कि 5,000 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के वासियों ने कृषि और व्यापार पर आधारित एक शहरी संस्कृति विकसित कर ली थी।  युगों के अनुसार भारत का इतिहास इस प्रकार हैः पूर्व ऐतिहासिक काल पाषाण युगः पाषाण युग 500,000 से 200,000 साल पहले शुरू हुआ था और तमिलनाडु में हाल ही में हुई खोजो में इस क्षेत्र में सबसे पहले मानव की उपस्थिति का पता चलता है। देश के उत्तर पश्चिमी हिस्से से 200,000 साल पहले के मानव द्वारा बनाए हथियार भी खोजे गए हैं...